Wednesday, June 23, 2010

नज़रें


ज्हुकी नज़रों से इकरार मत करना
नज़रें उठाकर इनकार मत करना

ज्हुकी नज़रों से इकरार मत करना
नज़रें उठाकर इनकार मत करना

रात भर तड़पते हो किसीके याद में
और दूसरों को कहते हो प्यार मत करना ?


हम चाहते है तुम्हे ,
तुम चाहते हो किसी और को।

हम चाहते ही तुम्हे ,
तुम चाहते हो किसी और को,

खुदा करे जिसे तुम चाहो वो चाहे किसी और को ॥

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