Thursday, June 17, 2010

चमक

वो चाँद जैसे आसमान में चमकते रहे
हम रात भर उस चमक में खोये रहे

जानते है कभी ना पा सकेंगे उन्हें
फिर भी हर दुवा में उन्हीको मांगते रहे ॥

वह वह वह वह ।

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